Sunday, January 17, 2021

तू दिल में उतर आया

 कई अरसे बाद मेरी दुआओं में असर आया,

लगा जैसे चाँद मेरे आँगन में उतर आया,


यूँ तो अक्सर ही मेरे ख़्यालों में रहा करते थे तुम,

अब तेरा ख़्याल तेरी तमन्ना में बदल आया,


हद-ए-बेबसी का आलम पूछो ना हमसे,

मैं मेरा न रहा,बस तेरा ही नज़र आया,


तेरी कुर्बत में हो जाऊं मैं "रौशन"

किया जो ज़िक्र तेरा,तू दिल में उतर आया।



Friday, January 15, 2021

गज़ब की वफ़ा दे गया

 कौन है वो जो मेरी आँखों को मोहब्बत का नशा दे गया,

आब-ए-तल्ख़ हाथों में थी,कोई लबों से पिला दे गया;


याद आयी है मुझे कुछ बिसरी सी ग़मगीन सूरतें उनकी,

शुक्रिया उसका जो मेरे जख्मों को फिर हवा दे गया;


बेतहाशा रोना था मझे शायद अपनी ही रंजिश में ,

ग़मों के प्यालें में,इश्क़ की चासनी घोल,कोई हँसा दे गया;


अब तो नज़रें उठती ही नहीं कहीं और तेरे चेहरे के सिवा,

बातों ही बातों में,कोई गज़ब की वफ़ा दे गया।



सोहबत

ख़्वाबों को हक़ीक़त दो,इन गलियों का ठिकाना दो, अपनी जुल्फ़ों को ज़रा खोलो,मुझे मेरा ठिकाना दो मयकशी का आलम है,मोहब्बत की फिज़ा भी है, आखो...