विकाशशील है भारत देश,
और कहने हैं कुछ बात प्रिये!
यहाँ नेताओं का बोलबाला है,
बस उनकी बजती राग प्रिये!
उनकी मंजिल बाट जोह रही,
हमारा कहाँ प्रशस्त मार्ग प्रिये?
वो कूलर-ए.सी. में सोते हैं,
हमारा मच्छर लेती जान प्रिये!
बेरोजगारी छाई युवको के सिर,
और क्या दें प्रमाण प्रिये?
उन अनपढ़ को पूजती देश,
हमारा कहाँ सम्मान प्रिये?
उनके हाथ नोटो की गड्डी,
हमारा जीरो बैलेंस बढ़ाती शान प्रिये!
वो हवाई जहाज़ के शहनशाह,
हमारा टूट रहा आसमान प्रिये!
गर विकाशशील इसको कहते है,
तो इसे दूर से कोटि-सलाम प्रिये!
😀😀nicely written
ReplyDeleteVery nice👍👍
ReplyDeleteThank u so much 😊
Delete😍😍
ReplyDeleteThnk u 😍😍
Deleteबहुत अच्छी है ❤️❤️❤️❤️
ReplyDeleteThnk u dear❤️❤️
ReplyDelete