दृश्य-1😢
अनजान सड़को पर यूँ चलना रास नहीं आता,
थक चुका हूं सहर,बारम्बार गिर कर संभलना रास नही आता ;
सुन ले जिंदगी लोग मुझे कायर कहने लगे है,
कोई कह दे उनसे ज़रा खुद के ज़ज़्बातों से बाहर निकले वो,
मुझे उनका मुझकर तोहमत लगाना रास नही आता।
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दृश्य-2☺️
नाकामी मिली तो क्या हुआ अभी और भी इम्तिहान बाकी हैं,
अभी दुनिया देखी ही कहाँ अभी तो सारा जहान बाकी हैं;
मेरे हौसले की ऊँचाइयाँ बड़े ही बुलंद हैं सहर,
फिर से लड़ेंगे हम अभी तो पाना मुक़ाम बाकी हैं।।
👌👌👌👌
ReplyDeleteThank u
Deleteअद्भुत 💐💐👌👌
ReplyDeleteबहुत शुक्रिया।
DeleteAwesome 😊
ReplyDeleteThnx a lot
DeleteInspiring lines👌👌❤️
ReplyDeleteThnk u
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